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हम रोज स्नान करतें हें, खूब पानी उपयोग करतें हें। फिर कूलर व एसी में ---जरा हम सोचें जितना पानी बाहरी स्नान करने के लिए काम लिया उसका २०व हिस्सा पानी ओर पी लेते तथा शरीर के अंदर से क्षर्म द्वारा बाहर निकालते। हम क्या आनंद, स्वास्थ्य व आराम का अनुभव करते । हमने उत्पादक शारीरिक क्षर्म छोड़ दिया । हम सोचते हें क्षर्म द्वारा शरीर से बदबू आएगी, सेंट व स्प्रे भी लगातें हें। बाहरी पर्दुषण व बदबू मजबूरी मानके चलतें हें। |
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