प्रकृति के नियम
(१)जो लोग प्रकृति की रक्षा करतें हैं,प्रकृति उनकी रक्षा करती है
(१)जो लोग प्रकृति की रक्षा करतें हैं,प्रकृति उनकी रक्षा करती है
(२)प्राक्रतिक नियमों की अनदेखी करने वालों को प्रकृति कभी
माफ़ नहीं करती
माफ़ नहीं करती
(३)जानवर भी प्रकृति की सौंधी मिटटी के सम्पर्क में रहने के
कारण बीमार नहीं पड़ते.
कारण बीमार नहीं पड़ते.
(१०)कहने का मतलब ये है कि हमारा शरीर पांच तत्वों से
(जल,मिटटी,अग्नि ,वायु और आकाश )मिलकर बना है,
ये इन्हीं के सम्पर्क में रहकर स्वस्थ रह सकता है.हमने सब उलटा
कर रखा है,मकानों में रहने के कारण हमने इन पांचों से नाता तोड़
रखा है,हम बनावटी हवा पानी अग्नि के आदि हो गए ,
आकाश-मिटटी से कोई नाता नहीं रखा,ऋतू फलों का सेवन भी
बिना ऋतू के करतें हैं.
ऐसे में स्वस्थ रहने की कल्पना भी नहीं की जा सकती.
बहुत सुंदर बातें और फोटो
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंश्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
आपको एवं आपके परिवार को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएं