"जो कल तक मेरे बेटे थे,वो आज मेरे पडोसी हैं "
जिनको पाला पोसा,बड़ा किया
सोचा दुःख-सुख में साथ निभाएंगे
उन्होंने आधा काम तो किया ही
कि बखूबी सुख में साथ निभाया है
बेटे हों, भाई हों ,बहनें हों
सभी ने ये फर्ज़ बखूबी निभाया है
जो कल तक भाई-बेटे थे,वोआज मेरे लडोसी
जोकल तक मेरे बेटे थे,वो आज मेरे पडोसी हैं
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंDr. Joga Singh Ji , Now my computar ne upwas tora hae.
जवाब देंहटाएंPoem Jis bhi patra se related ho . It is the truth and next generation will face a lot. This is the true picture of blood relations today and will continue.
Regards