एसएमएस से जानें आपकी दवा असली है या नकली
नई दिल्ली। नकली दवाइयां बनाने और बेचने वालों पर लगाम लगाने की कवायद शुरू हो गई है। एक फॉर्मा कंपनी ने अल्फा न्यूमेरिकल कोड के जरिए नकली दवाइयों पर नकेल कसने का तरीका शुरू किया है। हालांकि फिलहाल इसे कुछ ही कंपनियों ने शुरू किया है। इसके लागू होने के बाद अब आम उपभोक्ता दवा खरीदते समय कोड का इस्तेमाल कर ये पता लगा सकेंगे कि जो दवा वो खरीद रहे हैं, वो असली है या नकली।
फॉर्मा कंपनी के मुताबिक भारत में अल्फा न्यूमेरिकल कोड की शुरुआत 2010 से ही हुई है। फिलहाल कुछ दवा कंपनियां ही इस कोड का इस्तेमाल कर रही हैं। इस कोड़ के जरिये पता लगाया जा सकेगा कि कोई भी दवा असली है या नकली। दवा के रैपर के पीछे वाले हिस्से में 9 अंकों का एक नंबर अंकित होगा। ये अंक अल्फाबेटिकल और न्यूमेरिकल दोनों होगा। इसके अलावा रैपर पर एक मोबाइल नंबर भी लिखा होगा। 9 अंकों वाले नंबर को अपने मोबाइल से एसएमएस के जरिए 990199010 पर एसएमएस कर दे। 10 सेकेंड के अंदर आपके पास एसएमएस आ जाएगा कि जो दवा आपने खरीदी है वो असली है या फिर नकली।
फिलहाल अभी कुछ कंपनियों ने ही अपनी दवाइयों में कोड का इस्तेमाल शुरू किया है। लेकिन फॉर्मा कंपनी का ये प्रयास कुछ हद तक सफल होता नजर आ रहा है। धीरे-धीरे और दवा कंपनियां भी इस पैटर्न को अपना रही है। यहां तक कि सरकार भी फॉर्मा कंपनी से बातचीत कर इसपर विचार कर रही है। अगर अल्फा न्यूमेरिकल कोड का ये पैटर्न सफल होता है तो न केवल नकली दवाइयों की खरीद बिक्री पर लगाम लगेगी, बल्कि इससे मरनेवाले लोगों की सख्या में भी कमी आएगी।