अरे ,कितनी बीमारियाँ हैं,हमारे भीतर ???
हमारे शरीर में इतनी बीमारियाँ नहीं होती जीतनी हम अपनी खोपड़ी में भर लेते हैं .शरीर में सिर्फ एक ही बीमारी होती है ,जिसका नाम है " रूकावट ".शरीर में जहाँ कही भी किसी भी प्रकार की रूकावट आई वहीँ पर बीमारी पैदा हो जाती है.जैसे नाक में रूकावट से सायनस ,दिल में हो तो दौरा,किडनी - गाल ब्लाडर में हो तो पथरी ,घुटनों में हो तो गठिया ,पेट में हो तो कब्जी ,फेफड़ों में हो तो दमां आदि .उपचार है दिमाग में से बीमारियाँ निकालो ,दोस्तों-रिश्तेदारों-पड़ोसियों-डॉक्टरों ,शुभचिंतकों,द्वारा आपकी खोपड़ी में भरी बिना सर पैर की बिमारियों को निकालो और शरीर में आई रुकावटों को दूर करो .भारी-भरकम दवायों से अपने आप को बचायो .आजीवन निरोगी रहो ,स्वस्थ रहो यही कामना है .किसी का दिल दुखाना उदेश्य नहीं है.आगाह करना मेरा काम है .मानो ना मानो आपकी मर्ज़ी .
हमारे शरीर में इतनी बीमारियाँ नहीं होती जीतनी हम अपनी खोपड़ी में भर लेते हैं .शरीर में सिर्फ एक ही बीमारी होती है ,जिसका नाम है " रूकावट ".शरीर में जहाँ कही भी किसी भी प्रकार की रूकावट आई वहीँ पर बीमारी पैदा हो जाती है.जैसे नाक में रूकावट से सायनस ,दिल में हो तो दौरा,किडनी - गाल ब्लाडर में हो तो पथरी ,घुटनों में हो तो गठिया ,पेट में हो तो कब्जी ,फेफड़ों में हो तो दमां आदि .उपचार है दिमाग में से बीमारियाँ निकालो ,दोस्तों-रिश्तेदारों-पड़ोसियों-डॉक्टरों ,शुभचिंतकों,द्वारा आपकी खोपड़ी में भरी बिना सर पैर की बिमारियों को निकालो और शरीर में आई रुकावटों को दूर करो .भारी-भरकम दवायों से अपने आप को बचायो .आजीवन निरोगी रहो ,स्वस्थ रहो यही कामना है .किसी का दिल दुखाना उदेश्य नहीं है.आगाह करना मेरा काम है .मानो ना मानो आपकी मर्ज़ी .
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